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मौसम की मार से किसानों की फसलों पर मंड़ाराये संकट के बादल

0 तीस फीसदी फसलें पीली होकर हो चुकी बर्बाद
0 नायब तहसीलदार बोले लेखपाल फसलों की बर्बादी कर रहे सर्वे

अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास

जालौन (उरई)। बेमौसम हो रही बारिश रुकने का नाम ले रही है। बरसात जैसी बारिश होने के कारण खेत में खड़ी फसलों को नुकसान होने लगा है। खेत में पानी की अधिकता के कारण मटर, सरसों की फसल 30 प्रतिशत तक नुकसान हो गया है।
बारिश की मार से प्रभावित किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही। माह के प्रथम सप्ताह में शुरू हुई बारिश का सिलसिला अभी भी बरकरार है। शुक्रवार की रात को शुरू हुई बारिश शनिवार को दोपहर तक जारी रही। बारिश का पानी खेतों में भर जाने के कारण निचले क्षेत्र में लगी मटर और सरसों की फसल पीली पड़ गई है। किसान पुनीत दुबे, बल्लू कुशवाहा, रामकुमार बाथम, हेमवती नंदन, बाल मुकुंद पाठक, दीपेन्द्र मिश्रा, ब्रजेश पाल बताते हैं कि पानी बरसने व मौसम न खुलने के कारण जमीन गीली है जिससे मटर का पौधा गलने लगा है तथा पीला पड़ रहा है। इसके साथ ही फली में दाग आ गये हैं। साथ ही साथ बारिश के कारण मटर का उत्पादन कम होगा। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। क्षेत्र में करीब 1000 एकड़ में लगी फसल के खराब होने का खतरा मंडरा रहा है। नुकसान की आशंका से घिरे किसानों का आरोप है कि अभी तक फसलों की इस दशा का जायजा लेने कोई प्रशासनिक कर्मचारी या लेखपाल उनके गांव में नहीं आया है। जिससे उन्हें सरकारी मदद मिलने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही। जिन गांवों में मटर और सरसों की फसल खराब होने की स्थिति में है। फसलों के नुकसान को लेकर किसान भारी चिंता में है। नायब तहसीलदार आलोक कटिहार ने बताया कि बारिश हुए नुकसान के लिए लेखपालों को लगाया गया है रिपोर्ट मिलने के बाद उसे शासन को भेजा जाएगा।
फोटो परिचय—
बेमौसम पानी बरसने से बर्बाद हुयी फसल को दिखाता किसान।

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