बुंदेलखंड के वंचितों की लड़ाई अब संसद तक पहुंचेगी — चंद्रशेखर आज़ाद
अखिल भारतीय मानवाधिकार संघ ने सौंपा ज्ञापन, बुंदेलखंड की जमीनी सच्चाई सामने लाई

उरई (जालौन)। बुंदेलखंड के उपेक्षित और वंचित वर्गों की दशा-दुर्दशा की आवाज़ लेकर अखिल भारतीय मानवाधिकार संघ का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को नगीना से सांसद और आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद से मिला। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेन्द्र प्रताप याज्ञिक के नेतृत्व में सांसद को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि किस तरह से आज भी ग्राम पंचायतों, नगर निकायों व अन्य संस्थाओं में चुने गए जनप्रतिनिधियों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि उपेक्षित वर्गों के साथ भेदभाव और तिरस्कार की स्थितियां आज भी बदस्तूर जारी हैं।
इस दौरान शैलेन्द्र याज्ञिक ने कहा कि संगठन का उद्देश्य केवल समस्याएं गिनाना नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय, आर्थिक विकास, उच्च शिक्षा और सांस्कृतिक बदलाव के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के कई क्षेत्रों में लोकतंत्र के नाम पर उपेक्षित वर्गों के साथ मजाक हो रहा है।
प्रतिनिधिमंडल की बात सुनकर सांसद चंद्रशेखर आज़ाद भावुक हो उठे। उन्होंने कहा – अब यह लड़ाई मेरी भी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को वे संसद में भी पूरी मजबूती के साथ उठाएंगे और देश में कहीं भी सामाजिक अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर मोंटी यादव (इमिलिया), शनि यादव, दीपू मोदी सहित कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे।