अभय प्रताप सिंह
ललितपुर। क्षेत्रपाल मंदिर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव सुधासागर महाराज ने कहा कि धर्म से असीम पुण्य का संचय होता है और साधू संगति से जीवन सुधरता है। उन्होने कहा जव गुरू को देखोगे मंदिर आएगा ध्वजा तो सब जगह से देखी जा सकती है। उन्होने कहा भारत को मां करने वाले देश का सम्मान रखो भारत हमारा घर है ऐसा कोई कार्य न करो जिससे हमें अपने घर में अपराधी घोषित किया जाए और जेल में जाना पडे। भगवान महावीर के सिद्धान्तों को आदर्श बताते हुए कहा हिन्सा झूठ चोरी कुशील परिग्रह जैसी प्रवृत्ति को जीवन से निकालने वाला कभी कलंकित नहीं हो सकता सदैव जीवन में शान्ति की अनुभूति करेगा। मुनिश्री ने का कहा शिष्य से गुरू धन्य होता है। बहुत बार कहा ऐसे गुरू को पाकर कभी ऐसा ही गुरू को पाकर खुश हो शिष्य सोचे ऐसा कार्य करे कि गुरू भी वो कार्य को देखकर धन्य हो जाए धन्य है वो पिता जिसने ऐसे बेटे को जन्म दिया। शिष्य ऐसा कार्य करे जिससे गुरू को गर्व हो माता-पिता का सम्मान हो। उन्होने कहा पुुण्य का अधिकार माला पूजा अभिषेक आदि से जिसने पुण्य बांध है उसको पुण्य का उपयोग क्या करेगा उसको कोई रोक नहीं सकता। पुण्य जिसने बाधा है उसका अधिकार है धर्म में उपयोग करें धर्म करो ऐसा करो कि धर्म तुम्हारी छाया बन जाए। । सायंकाल आचार्य भक्ति के पूर्व जिज्ञासा समाधान में मुनि सुधासागर महाराज एवं मुनि पूज्यसागर महाराज अपने संघस्थ एलक धैर्यसागर महाराज एवं क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज देश के विभिन्न स्थानों से श्रावकों की आनलाइन जिज्ञासाओं का समाधान चैनलों के माध्यम से करते हैं इसमें स्थानीय श्रावक पहुचकर भी अपनी जिज्ञासा का सामाधान पाते हैं।