कालपी

राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के भवन निर्माण के लिये भूमि की समस्या

अमित गुप्ता

कालपी जालौन-स्थानीय नगर के बीचोबीच राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के प्रस्तावित भवन का निर्माण कराने के लिये जमीन का चयन करना कठिन हो रहा है। पर्याप्त क्षेत्रफल की खाली सरकारी भूमि उपलब्ध न होने की वजह से अस्पताल का निर्माण कार्य अटका पड़ा है।

मालूम हो कि पिछले दो दशकों से राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय कालपी नगर के मोहल्ला दमदमा में किराए के कमरे में संचालित हो रहा है। भवन की हालत बहुत ही जर्जर हो चुकी है। वहीं विभाग के द्वारा कालपी, मगरौल तथा इटौरा में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के भवन निर्माण के लिए स्वीकृत मिल चुकी है। मंगरौल तथा इटौरा में भवनों का निर्माण शुरू हो चुका है। जमीन न मिलने के कारण कालपी नगर में चिकित्सालय निर्माण का कार्य अटका है।
आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉ पूर्णिमा चटर्जी ने बताया कि नगर के नजूल भूखंडों की हकीकत निर्माण लिपिक शिशपाल सिंह ने बतलाई। नगर के अलग-अलग कई स्थानों के नजूल भूखंडों का घूमकर निरीक्षण किया गया। पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि जगजीवन अहिरवार की पहल पर पालिका के जिम्मेदार लिपिक के साथ आलमपुर,निकासा पुरा, हरी गंज तथा राजघाट मुहल्लो की नजूल जमीन की तलाश करने में जुटे रहे लेकिन जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है। चिकित्साधिकारी ने बताया कि चिकित्सालय भवन निर्माण के लिए 32 सौ वर्ग फुट में से अधिक जमीन की आवश्यकता पड़ेगी।
इससे पहले राजस्व विभाग के कर्मचारियों तथा क्षेत्रीय लेखपाल जय वीर सिंह बघेल ने नगर से दूर राजघाट एरिया में राजकीय डिग्री कॉलेज के पास आयुर्वेदिक चिकित्सालय के लिए जमीन बतलाई है। लेकिन वह जमीन नगर से काफी दूर है। मरीजों को जाने आने में समय एवं धन की बर्बादी होगी।
सूत्रों के अनुसार जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में करीब 35 लाख रुपए का बजट कालपी में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के भवन निर्माण के लिए आ चुका है। अगर जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो सकी तो बजट बापिस चला जायेगा।

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