कालपी

यमुना पट्टी के ग्रामीणों में बढ़ी चिंता कहीं यमुना भी न सूख जाए

अमित गुप्ता

कालपी(जालौन)। अषाढ़ माह सूखा चला गया एक बूद भी नहीं गिरी शायद भगवान इन्द्र जालौन जनपद से रूष्ट हैं पिछले वर्ष इतना पानी वर्षा कि यमुना भी नहीं संभाल पाई पानी को और यहां के ग्रामीणों की घर ग्रहस्ती से लेकर फसल को जलमग्न कर पूरी तरह तबाही मचा दी थी । वहीं इस वर्ष तो पानी की एक बूंद भी नहीं दी जिसके चलते सूखा पड़ गया । वहीं पानी के लिए सबसे बड़ा श्रोत यमुना नदी है वह भी बेहाल है जिसके सीने को चीरकर निकाली जा रही रेत से वह भी अपना अस्तित्व खोती नजर आ रही है अगर यही हाल रहा तो ज्यादा समय नहीं लगेगा बुन्देलखण्ड को रेगिस्तान बनने में प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी अपनी कपा दृष्टि बुन्देलखण्ड के सबसे पिछड़े उजड़ते जनपद जालौन पर डालिए यहां का किसान पूरी तरह से कंगाल होकर पलायन कर रहा है जनपद की तहसील कालपी में आधी से अधिक जनसंख्या पलायन कर चुकी है ईमान दारी से सर्वे करालें सारा सच सामने आ जाएगा यहां कि संत प्रतिशत किसान भारी कर्ज में डूबा है एक एक दाने को मोहताज हो रहा है।इस क्षेत्र की नदी पहाड़ जंगल बुरी तरह माफियाओं के चुंगल में फंसे हैं जो अपने जीवन के आखिरी पड़ाव में पहुंच गए हैं। इस अनमोल प्राकृतिक संपदा के लुटेरे दूर दूर से आकर लूट रहे हैं। इनको रोकने वाला सरकारी तंत्र पूरी तरह विफल होकर उन्हीं लुटेरों के साथ मिल गया है इस भयानक लूट से सफेद पोस भी अलग नहीं है। सब मिलकर यहां के निवासियों के जीवन को समाप्त करने में संलिप्त हैं।से योगी बाबा कब सुनोगे इन दीन हीन दुखियों की पुकार। आप तक हमलोगों की करूणा पुकार पहुंचाने विले ही जब इस कृत्य में समलित है अब तो भगवान का ही भरोसा है ।

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