जालौन। तहसील क्षेत्र के ग्राम सहब्ज़ापुर मे 11 कुंडीय विष्णु महायज्ञ व भागवत कथा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। जिसके पांचवें दिन श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई गई।
सहब्जापुर में आयोजित 11 कुंडीय विष्णु महायज्ञ व भागवत कथा में कथा व्यास साध्वी ़़ऋतु पांडेय ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि कंस की कारागार में वासुदेव और देवकी कैद थे। भादों मास की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। जब उनका जन्म हुआ तो कारागार के सभी ताले अपने आप खुल गए। वासुदेव रात में ही श्रीकृष्ण को यमुना पार करके नंदबाबा के घर पहुंचा आए। उनका लालन-पालन नंदबाबा के घर में ही हुआ। पृथ्वी पर जब जब अत्याचार बढ़ा है तब तब भगवान ने स्वयं मनुष्य रूप में पृथ्वी पर जन्म लिया और पृथ्वी को अत्याचारी से मुक्त कराया। द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध करके पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया। कृष्ण जन्म की खुशी में कथा स्थल को विशेष रूप से सजाकर माखन मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया। भक्तों ने श्रीकृष्ण जन्म होते ही नंद घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की का उद्घोष किया। इस मौके पर सुरेशचंद्र दीक्षित, श्रीप्रकाश दीक्षित, बब्लू, नरेंद्र दीक्षित, दम्मू दीक्षित, सुरेंद्र दीक्षित, गौतम त्रिपाठी, लोकेश प्रधान, गीतेश महाराज कैंथवा, अनिरुद्र सेंगर, सौरभ पांडे, श्यामजी, गौरव, नीलू, बिहारी, रत्नेश चतुर्वेदी, आशुतोष पाठक आदि मौजूद रहे।