रामपुरा, जालौन। खेत पर हुए अवैध कब्जे को हटवाने के लिए ग्रामीण दर-दर भटक न्याय ना मिल पाने के बाद हताश व निराश हो जंग लगी नौकरशाही को कोसते हुए मुख्यमंत्री की चौखट तक जाने का संकल्प ले चुका है ।
रामपुरा थाना अंतर्गत ग्राम नरौल निवासी रामनरेश पुत्र स्वर्गीय सुखलाल जाटव ने बताया कि उसकी मौजा नरौल के खाता संख्या 93 ,खसरा नंबर 1302 में रखवा 0. 454 हेक्टेयर कृषि भूमि है । रामनरेश सिंचाई विभाग मध्य प्रदेश में नौकरी के दौरान अपनी जमीन गांव के ही निवासी रामस्वरूप , नंदलाल , मातादीन, रिंकू पुत्रगण बलजीत निवासीगण नरौल से वतौर मजदूर खेत में काम कराते थे । सरकारी नौकरी करने के कारण रामनरेश यदाकदा ही अपने गांव नरौल आ पाते थे और जब आते तब अपने खेत में उत्पन्न हुई फसल का हिसाब किताब लेकर चले जाते । लगातार कई वर्षों तक खेत में काम करते रहने के कारण उक्त लोग रामनरेश की खेती को अपनी खेती समझने लगे । उप जिलाधिकारी माधौगढ़ व थाना अध्यक्ष रामपुरा को दिए गए प्रार्थना पत्र में रामनरेश ने बताया कि वह नौकरी से सेवा निवृत्त होकर जब अपने गांव आया और स्वयं खेती करने की सोच कर जैसे ही अपनी जमीन पर पहुंचा तो उक्त रामस्वरूप आदि चारों लोगों ने उसे गालियां व जान से मारने की धमकी देते हुए खेत से भगा दिया । इस संदर्भ में उप जिलाधिकारी माधौगढ़ व थानाध्यक्ष रामपुरा को कई बार प्रार्थना पत्र दिए गए लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। इससे प्रतीत होता है कि कानून का राज होने का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा सरकार में भी यही लोकोक्ति चरितार्थ हो रही है "जिसकी लाठी उसकी भैंस" फिलहाल न्याय मिलने की उम्मीद तोड़ चुके पीड़ित रामनरेश ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की चौखट पर जाकर न्याय मांगने का मन बना दिया हैं।