जिला जज द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का फीता काट व द्वीप प्रज्जविलत कर किया गया शुभारंभ, राष्ट्रीय लोक अदालत में एक लाख पचास हजार चार सौ ग्यारह वादों का हुआ निस्तारण* उ

Jul 14, 2024 - 18:47
 0  42
जिला जज द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का फीता काट व द्वीप प्रज्जविलत कर किया गया शुभारंभ, राष्ट्रीय लोक अदालत में एक लाख पचास हजार चार सौ ग्यारह वादों का हुआ निस्तारण* उ
उरई(जालौन)।आज प्रातः काल 10 बजे जनपद न्यायाधीश श्री अचल सचदेव द्वारा फीता काटने के उपरान्त मां सरस्वती पर माल्यार्पण करके दीप प्रज्ज्वलित करते हुये राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत् उद्घाटन किया गया। जनपद की सभी तहसीलों मे स्थित दीवानी न्यायालयों में भी उक्त आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। जिला दीवानी न्यायालय उरई एवं विभिन्न न्यायालयों में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में 1,50,411 वादों का निस्तारण किया गया। इनमें बैंकों के बकाया ऋण के 453 मामलों में बैंक एवं बकायेदारों के मध्य रू0 5,24,48,000/-रू0 धनराशि का समझौता कराया गया। श्रीराम सिटी यूनियन फाईनेन्स लिमिटेड द्वारा 02 मामलों में मु0 1,00,000/- रू0 धनराशि वसूल की गयी। आपराधिक प्रकरणों में विभिन्न न्यायालयों द्वारा 27,000/-रू0 बतौर जुर्माना धनराशि अभियुक्तों से राजकीय कोष में जमा करायी। इस प्रकार आज करीब एक लाख साठ हजार वादकारी लाभान्वित हुए। इस संबंध में जानकारी देते हुए सचिव/अपर जिला जज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजीव सरन द्वारा बताया गया कि आज माननीय जनपद न्यायाधीश श्री अचल सचदेव के कुशल मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में माननीय जिला जज द्वारा 12 मुकदमों का निस्तारण किया गया एवं मु0 33,11,271/-रू0 धनराशि पक्षकारों को दिलायी गयी। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी श्री अनिल कुमार वशिष्ठ द्वारा 101 मामलों में विपक्षी बीमा कम्पनियों से पीड़ित याचीगण को 1,74,70,000/-रू धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में दिलायी गयी। जिसमें 01 प्रतिकर याचिका सं0 79/2018 सुमन सिंह सेंगर आदि बनाम मंजीत सिंह में बीमा कम्पनी दि न्यू इण्डिया ए0 कं0 लि0 प्रबन्धक श्री गोविन्द कुमार निरंजन व अधिकृत अधिवक्ता श्री अशोक वार्श्णेय द्वारा तिरपन लाख रु0 में समझौते के माध्यम से निस्तारित कराये गये। आज लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री मनोज कुमार सिंह गौतम द्वारा 20 मुकदमों का निस्तारण करते हुये भरण पोषण के मामलों में 4,34,000/- रू0 पीड़ित महिलाओं को दिलाये। इनके द्वारा 08 वैवाहिक मामले प्रीलिटिगेशन स्तर के भी निपटाये गये। अपर कुटुम्ब न्यायाधीश श्रीमती अमृता शुक्ला द्वारा 72 मुकदमों का निस्तारण किया गया। उन्होंने भरण पोषण के मामलों में 25,57,600/- रू0 पीड़ित महिलाओं को दिलाये। इनके द्वारा 12 वैवाहिक मामले प्रीलिटिगेशन स्तर के भी निपटाये गये। उनके द्वारा इन वादों में उभय पक्ष के मध्य सौहार्दपूर्ण समझौता कराया गया। सचिव/अपर जिला जज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजीव सरन द्वारा बताया गया कि स्थायी लोक अदालत (पी0यू0एस0) के अध्यक्ष श्री राजवर्धन गुप्ता द्वारा भी 01 मुकदमा में पक्षकारों के मध्य सुलह कराते हुये उन्हें विवाद से राहत प्रदान की गयी। अपर जिला जज-प्रथम श्री शिवकुमार द्वितीय द्वारा 07, विशेष न्यायाधीश (एस0सी0/ एस0टी0 एक्ट) श्री प्रमोद कुमार गुप्ता द्वारा 01, विशेष न्यायाधीश (ई0सी0 एक्ट) श्रीमती पारुल पनवार द्वारा विशेष प्रयास करते हुये विद्युत अधिनियम के 227 मुकदमों का निस्तारण किया गया। अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद कमर द्वारा 01 मुकद्मे का एवं श्री भारतेन्द्र सिंह द्वारा भी 04 मुकदमा का निस्तारण किया गया। सिविल जज सी0डि0 श्री अर्पित सिंह द्वारा 05 सिविल वादो में पक्षकारों के मध्य सुलह समझौता कराया गया। सभी न्यायिक मजिस्ट्रेटों द्वारा कुल 3,543 आपराधिक वादों का निस्‍तारण करते हुये 59,520/-रू0 अर्थदण्ड जमा कराया गया। विशेष न्यायाधीश (द0प्र0क्षे0) डॉ0 अवनीश कुमार द्वितीय द्वारा सिविल जज सी0डि0/एफ0टी0सी0 श्रीमती अनुकृति सन्त, सिविल जज जू0डि0 श्री जावेद खान, न्यायिक मजिस्ट्रेट उरई श्रीमती प्रियंका सरन एवं वाह्य न्यायालय कोंच के न्यायिक अधिकारी सुश्री उमैमा शहनवाज, श्री मोहित निर्वाल, जालौन के न्यायिक अधिकारी श्रीमती वन्दना सिंह और कालपी दीवानी न्यायालय के न्यायिक अधिकारी सुश्री इशिता सिंह, प्रशिक्षणरत न्यायिक अधिकारी सुश्री शैलजा, सुश्री निकिता सिंह, श्री सुधांशु सिंह और विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम उरई श्री चन्द्रभान सिंह एवं विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय उरई श्री राजा सिंहं द्वारा भी लोकअदालत में सहभागिता की गयी। इनके अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, अपर जिला मजिस्ट्रेट सहित सभी उप जिला मजिस्ट्रेट, नगर मजिस्ट्रेट और तहसीलदार न्यायालयों द्वारा राजस्व संहिता और फौजदारी के कुल 2597 मामलों सहित विभिन्न विभागों द्वारा प्री-लिटिगेशन प्रकृति के 1,43,825 मामले निस्तारित किये गये।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Rakesh kumar Rakesh kumar