जालौन

धर्म की हानि होते ही भगवान पृथ्वी पर होते हैं अवतरित

बबलू सिंह सेंगर महिया खास

जालौन(उरई)। जब जब धर्म की हानि होती है तब तब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। यह बात क्षेत्रीय ग्राम उदोतपुरा में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चैथे दिन की कथा व्यास ने उपस्थित श्रोताओं के समक्ष कही।
क्षेत्रीय ग्राम उदोतपुरा में हनुमानजी मंदिर श्रीमद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा व्यास पंडित अरविंद ब्रह्मचारी ने श्रोताओं को भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनाया। जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग व उनके जन्म लेने के गूढ़ रहस्यों को बेहद संजीदगी के साथ सुनाया। कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा का संगीतमयी वर्णन सुन श्रद्धालुगण झूमने लगे। इस मौके पर पारीक्षित सर्वेश सिंह राजावत, सुखदेव सिंह राजावत, राजाबाबू चैहान, जंगबहादुर, मानसिंह, गजराज विश्वकर्मा, कल्लू राजावत, रामजीवन, विजय सिंह चैहान, भीम राजावत, रोहित सिंह, संतोष राजावत आदि मौजूद रहे।

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