
जालौन । रामलीला भवन में चल रहे 175 वे श्रीराम लीला महोत्सव के 7 वे दिन सीता विदाई से राम वनवास तक की लीला का मंचन किया गया। राम वनवास की लीला देख राम भक्त भाव-विभोर हो गए।
रामलीला महोत्सव में सातवें दिन माता सीता का अपने माता-पिता, सगे-संबंधी, भाई-बंधु से बिछड़ने की लीला का मनोहारी प्रस्तुति देख सभी आकुल हो गए। राम परिवार का फूलों की वर्षा कर स्वागत किया गया। माता सीता के अयोध्या पहुंचने पर बधाई गीत गाए गए। मंच पर राजा दशरथ भगवान श्रीराम को युवराज घोषित करते हैं तो मंथरा के भड़काने पर कैकई कोप भवन में चली जाती हैं। राजा दशरथ के मनाने पर वह भरत को राजगद्दी व श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास का वरदान मांगती है। इसका पता चलने पर भगवान श्रीराम सीता जी व लक्ष्मण के साथ वनवास चले जाते हैं। भगवान श्रीराम व अयोध्या के महाराज दशरथ के संवाद को सुनकर दर्शकों की आंखें नम हो गई तथा पंडाल में कुछ देर के लिए खामोशी छा गई। लीला मंचन में भगवान श्रीराम के रूप में विवेक मिश्रा , माता जानकी के रूप में रामदूत तिवारी , लक्ष्मण के रूप में के के शुक्ला , राजा दशरथ के रूप रमेश चंद्र दुवे, वशिष्ठ के रूप में प्रयागगुरु, कैकेयी के रुप में राम प्रकाश शर्मा का अभिनव दर्शकों को खूब भाया, इस मौके पर जिला संयोजक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ शिवम जी, जिला कार्यवाहक गौतम त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष हिन्दू युवा वाहिनी राजा सिंह सेंगर गधेला, समिति के अध्यक्ष शशिकांत द्विवेदी, मंत्री पवन चतुर्वेदी, निदेशक प्रयाग गुरु, मंगल चतुर्वेदी, राजकुमार, गुड्डन सक्सेना ने लीला का सफल आयोजन करने में सहयोग किया।
फोटो परिचय रामलीला मंचन