
बबलू सेंगर महिया खास
जालौन। रक्षाबंधन के त्यौहार के दूसरे दिन भुजरियों का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने तालाब में भुजरियों को विसर्जन कर नाच गायन किया। उधर पंडित दीन दयाल उपाध्याय चौराहे पर कजली मेला का आयोजन किया गया।
नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रक्षाबंधन के दूसरे दिन भुजरियों का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें महिलाओं, बच्चों ने अपने घर में बोई हुई भुजरियों को देवी मंदिरों से होते हुए तालाब में विसर्जित की। इस अवसर पर महिलाओं ने खूब नाच गायन किया। तो वहीं, पुरुषों ने भुजरिया लेकर एक दूसरे को बधाई दी व गले मिलकर पुराने गिले, शिकवों को दूर किया। आल्हा खंड के अनुसार जब पृथ्वीराज चौहान ने महोबा को घेर लिया तथा उस पर चढ़ाई करने का विचार किया। तब रानी मल्हना अपने कुल देवता मनिया देव से प्रार्थना की। तब मनिया देव ने उदल को स्वपन दिया कि महोबा पर भारी संकट आ गया उसे बचा लो। तब उदल ने अपने साथी मलखान, सयैद ढेवा समेत सभी लोग साधु के वेश में महोबा गये और पृथ्वीराज से युद्ध कर उन्हें वापस दिल्ली भगा दिया। तब कहीं उदल की बहन चंद्रावल ने भुजरियां को तालाब में विसर्जन किया। तभी से रक्षाबंधन के दूसरे दिन भुजरियां निकालने की परंपरा उसी समय से चली आ रही है। वहीं, पंडित दीनदयाल उपाध्याय चौराहे पर कजली मेले का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं और बच्चों ने कजली मेले का आनंद लिया। कजली मेले में नगर पालिका द्वारा स्टॉल लगाया गया। पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि पुनीत मित्तल ने मेले में आने वाले लोगों से मिलकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। मेले के दौरान एसडीएम विनय मौर्य, सीओ शैलेंद्र बाजपेई, कोतवाल अजीत सिंह, चौकी प्रभारी जितेंद्र सिंह पुलिस फोर्स सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गश्त करते नजर आए।