माधौगढ़

गांव की भ्रष्टाचार पर कब चलेगा योगी बाबा का बुलडोजर

माधौगढ़ (जालौन)। विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपए शासन द्वारा भेजा जा रहा है लेकिन गांव स्तर पर भ्रष्टाचार के कारण विकास के पैसों का जमकर बंदरबांट किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के इस मामले पर गांव में आए हुए पैसों का निरीक्षण किया गया तो पता चला कि अनुपयोगी तरीके से ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और प्रधान के द्वारा पैसों को खूब लुटाया गया। साल भर में सिर्फ हैंडपंप मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए गए। जबकि वास्तविकता में एक हैडपंप को सही कराने के लिए मुश्किल से दो ढाई हजार रुपए का खर्च आता है। लेकिन गोलमाल के कारण एक-एक हेडपंप को सही कराने के लिए 20 से लेकर 30 हजार तक का बिल बनाया गया। वहीं विज्ञापनों के नाम पर भी हजारों रुपया खर्च किया गया। कहने को तो सोशल ऑडिट होता है लेकिन इन खामियों पर किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि सोशल ऑडिट टीम भी गठजोड़ से काम करती है। जिसके कारण सभी गलतियों पर पर्दा डाल दिया जाता है।
विकासखंड के असहना ग्राम में वर्ष 2021-22 का लेखा-जोखा देखा गया तो सिर्फ हैडपम्प मरम्मत और लेबर के नाम पर 1,22,250 रुपया खर्च किया गया। जबकि अखबारों में विज्ञापनों के नाम पर 39500 पर खर्च किया गया। लेबर के नाम भी फर्जी तरीके से दिखाए गए। 13000 से ज्यादा की फोटोकॉपी दिखाई गई हैं। जबकि कोविड लेखन और सेनेटाइज के नाम पर भी 32400 का बिल बनाया गया। शौंचालय तो है लेकिन ताले में बंद होने के बाद भी केयरटेकर के नाम 18000 का भुगतान दिखाया गया। सरकार को जनता के टैक्स का पैसा ऐसे ही लुटाना है तो विकास के नाम पर क्यों? ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और प्रधानों के खातों में सीधा भेज दिया जाना चाहिए।

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