कालपी (जालौन)। नगर में आसक्रीम, शीतल पेय, गन्ने का रस आदि की आड़ में बीमारियां बेचने का काम चल रहा है। गर्मी का सीजन शुरू होते ही इनको बेचने व अवैध रूप से बनाकर सप्लाई करने वालों की पौ बारह हो रही है। जिम्मेदार विभाग की सुस्ती के कारण इनके हौसले बुलंद हो रहे हैं। इस कारण आए दिनों इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है। इस समय गर्मी का सीजन शुरू हो चुका है। इसके चलते हर चैराहे, बाजार व सड़कों पर शिकंजी, गन्ने का रस, लस्सी व बर्फ का गोला बनाकर बेचने वालों की बाढ़ सी आ गई है। नगर में इनके जगह जगह स्थायी, अस्थायी दुकानों व ठेलों में बिना शुद्ध पानी इस्तेमाल किए तथा बिना साफ-सफाई व सक्रीन के इस्तेमाल से दूषित आइसक्रीम व शीतल पेय तैयार कर धड़ल्ले से खुलेआम बेचे जा रहे हैं। इनको बेचने वाले भी कोई किसी प्रकार की सफाई का ध्यान नहीं रख रहे हैं। इससे ग्राहक इनको पीकर बीमार पड़ सकते हैं। इसे विडंबना ही समझा जा सकता है कि हर चैराहे व सड़क पर इनकी खुलेआम बिक्री होने के बावजूद जिम्मेदार विभाग के किसी अधिकारी को ये नजर ही नहीं आते हैं, मुमकिन है कि जिम्मेदारों ने आंखों पर गुलाबी छाप पट्टी चढ़ी होने के कारण इन्हें मौन स्वीकृति दे दी हो। जिससे इनका यह धंधा खूब फल फूल रहा है। सूत्रों के अनुसार उक्त सीजन के धंधे को सम्बंधित विभाग का बदरहस्त प्राप्त है। जहां एक ओर देश का शासन प्रशासन कोरोना से बचाव करने की अपील कर रहा है वहीं नगर की इन दुकानों मानकों व नियम कायदों का उल्लंघन कर ना सिर्फ कोरोना बल्कि कई प्रकार की गंभीर बीमारियां बांटी जा रही हैं। यदि जल्द ही इस ओर ध्यान न दिया गया तो किसी भी समय बीमारियों का विस्फोट हो सकता है।
नगर में संचालित हैं दो अवैध आइसक्रीम फैक्ट्रियां
नगर के वर्तमान चेयरमैन के घर के पीछे स्थित एक घर में व डाकघर के सामने गयी एक गली में स्थित एक घर में आइसक्रीम बनाने की कुल उक्त दो अवैध फैक्ट्रियां संचालित हैं। जिन पर सिस्टम के तहत जिम्मेदार विभाग मेहरबान रहता है। फैक्ट्री संचालक बाकायदा नाबालिग गरीब बच्चों से लेकर गरीब वर्ग के लोगों से दोपहिया हस्तचलित पेटियों में दूषित आइसक्रीम खुलेआम बाजारों में बिकवाकर बीमारियों को न्योता दे रहे हैं। जानकारों की मानें तो इस सीजन के कार्य में यह अवैध आइसक्रीम के काम से फैक्ट्री संचालक लाखों का वारा न्यारा कर लेते हैं।
ऐसे पदार्थों से हो सकती गुदों की बीमारी: डॉ सुंदर सिंह
सीएचसी कालपी के डॉ.सुंदर सिंह के अनुसार घटिया, नकली व सक्रीन युक्त आइसक्रीम व पेय पदार्थों से न केवल गुर्दों की बीमारी हो सकती है, बल्कि कई तरह के अन्य रोग भी हो सकते हैं। यह पाचन तंत्र पर सीधा असर डालते हैं और बीमारियों को न्योता देते हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए तो यह पूरी तरह से नुकसानदेय है और इससे से उनमें कई तरह की बीमारियां पैदा होने के साथ-साथ उनका विकास भी रूक जाता है।
फोटो परिचय-आईसक्रीम बेचता नाबालिग बच्चा