अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। यूक्रेन में हमले के बाद से वह दुकानें बंद हैं। राशन नहीं है बंकर में शरण ले रखी है । आगे समस्या हो सकती है। आकृति श्रीवास्तव की इस चिंता ने उनके नारोभास्कर निवासी पिता शैलेंद्र श्रीवास्तव के होश उड़ा रखे हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में मेडिकल की पढ़ाई करने गई अपनी बेटी की सलामत वापसी की दुआ परिवार में तीन दिन से की जा रही है। घरों में पूजा, अनुष्ठान चल रहे हैं।यही हाल विकास गुप्ता के पिता पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामकुमार गुप्ता व छाया यादव के मां पुष्पा यादव के परिवारों का है। यूक्रेन में फंसे इनके बच्चे कब और कैसे आएंगे यह तो इन्हें नहीं पता, लेकिन सरकार कुछ अच्छा करेगी यह उम्मीद बनी हुई है। यूक्रेन में बिगड़ेे हालात इनकी बेचैनी बढ़ाते जा रहे हैं। बच्चों से बातचीत में वहां की दशहत और जिंदगी जीने की चुनौती अकल्पनीय है।फिलहाल राहत किसी को नजर नहीं आ रही। शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी पुत्री आकृति ने बताया कि वह बंकर में समय काट रही है। कीव शहर की जिस बिल्डिंग में वह रहती थी उसके बगल वाली बिल्डिंग गोलाबारी में तहस नहस हो गयी।
यूक्रेन से वीडियो काल कर छात्र बता रहे आपबीती, सहम गए सब, हालात सुन खड़े हुए रोंगटे
यूक्रेन के विन्नित्सिया शहर छाया यादव ने वीडियो काल के माध्यम से स्वजन को हालात बताए। कहा कि आसपास सब बंद है। कुछ दूरी पर तेज धमाके हो रहे हैं। इस कारण सब सहम गए हैं और दहशत पसर गई। रूसी सेना के हमले के बाद मिसाइल दागने, गोलीबारी होने के कारण बिल्डिंगों में आग लग गई।विकास गुप्ता ने बताया कि वह हास्टल के कमरे में अपने दोस्तों के साथ है। यूक्रेन के नागरिक अपने घर छोड़कर जा रहे है, जो अत्यधिक भयभीत कर रहा है।
फोटो परिचय- यूक्रेन में छात्र