कोंच(जालौन)। उद्योग व्यापार मंडल ने छोटे उद्योगों की ब्रांडेड वस्तुओं को जीएसटी में शामिल किए जाने की जोरदार मुखालफत करते हुए इन्हें निल जीएसटी में लाए जाने की मांग की है। उत्तरप्रदेश उद्योग व्यापार मंडल की स्थानीय इकाई ने इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को दिया है।
उप्र उद्योग व्यापार मंडल कोंच के अध्यक्ष संजय लोहिया, उपाध्यक्ष मुकेश सोनी, महामंत्री रामजी गुप्ता, चेयरमैन विकार अहमद, गल्ला व्यापारी समिति के अध्यक्ष अजय रावत आदि की अगुवाई में नगर के व्यापारियों ने पीएम मोदी के नाम ज्ञापन में कहा है कि व्यापार मंडल ने कभी राष्ट्रीय स्तर की बड़ी कंपनियों के ब्रांड की वकालत नहीं की है, लेकिन गांव व कस्बा स्तर के छोटे छोटे व्यापारियों या उद्यमी जो अपनी वस्तुओं के ब्रांड बनाकर बेचते हैं उनको जीएसटी की निल श्रेणी में लाए जाने की लगातार मांग करता रहा है।प्रधानमंत्री खुद यह कहते रहे हैं कि आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगाई जाएगी। इसके इतर जीएसटी काउंसलिंग ने एफएसएसएआई एक्ट का हवाला देकर यानी लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के अनुसार सभी खाद्य वस्तुएं पैकिंग होकर समुचित लेवल लगाकर ही बिकेंगी फिर चाहे वह मंडी में बिकने वाला गेहूं, धान, दलहन, तिलहन, गुड़, मसाले या अन्य कोई जिंस। तिलहन एवं मसाले पहले से ही पांच प्रतिशत जीएसटी के दायरे में हैं। राइस मिल, दाल मिल और फ्लोर मिल से निकलने वाले उत्पाद भी समुचित लेवल लगाकर बेचने पर अट्ठारह फीसदी जीएसटी 18 जुलाई से लागू होने का भी फरमान जारी है। व्यापार मंडल का कहना है कि जहां भारत सरकार देश के 80 करोड़ लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराकर उनकी समस्या दूर कर रही है, वहीं पचपन करोड़ मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं की सहूलियत देखना भी सरकार की जिम्मेदारी है। ऑनलाइन व्यापार से बैसे भी छोटे छोटे उद्योग धंधे चौपट हैं, लाखों व्यापारी बेरोजगार हो चुके हैं अतः मांग है कि आटा, दाल, गेहूं, चावल इत्यादि आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए। इस दौरान संजय लोहिया, रामजी गुप्ता, विकार अहमद, गल्ला व्यापारी समिति के अध्यक्ष अजय रावत, विनोद दुवे लौना, महेश शंकर लोहिया, पंचम पटेल, सतीश राठौर, विजय गुप्ता, नरेश लोहिया, मिथलेश गुप्ता, आनंद गुप्ता, राममोहन राठौर, वीरेंद्र अग्रवाल, राजू पटवा, अरविंद अग्रवाल, अजय गोयल, नवनीत गुप्ता आदि रहे।