जालौन(उरई)। ग्राम पंचायत अधिकारी के गांव में न आने से पंचायत के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। गांव के विकास कार्य में मजदूरी करने वाले मजदूरों का भी ग्राम पंचायत अधिकारी भुगतान नहीं कर रही हैं। जिससे मजदूर वर्ग प्रधान से नाराज है। प्रधान ने डीएम को शिकायती पत्र भेजकर ग्राम पंचायत अधिकारी को गांव में पहुंचने के निर्देश दिए जाने की मांग की है। ग्राम पंचायत कुंवरपुरा के प्रधान विशम्भर नागर ने डीएम प्रियंका निरंजन को शिकायती पत्र भेजकर लिखा कि उनके ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत कुंवरपुरा व नारायणपुरा आते हैं। गांव में ग्राम पंचायत अधिकारी के रूप में किरन रावत की तैनाती है। लेकिन वह कभी भी गांव में नहीं आती हैं। उन्होंने कई बार ग्राम पंचायत अधिकारी को गांव में बुलाने की कोशिश की लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। ग्राम पंचायत अधिकारी के गांव में न आने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने गांव में विश्वनाथ्ज्ञ के घर से बड़े लला के घर तक नाली का निर्माण कराया है। ऊबड़ खाबड़ रास्ते को मिट्टी डलवाकर सही कराया है। पंचायत घर में लाइट फिटिंग का कार्य हुआ है। इस सभी कार्य और इन कार्यों को करने वाले मजदूरों का अभी तक मजदूरी का भुगतान ग्राम पंचायत अधिकारी की हठधर्मिता की वजह से नहीं हो सका है। वह मजदूरों और ग्रामीणों को परेशान करने की नीयत से न तो विकास कार्य कराने पर ध्यान दे रही हैं और न ही उनकी मजदूरी का भुगतान कर रही हैं। जिससे चलते गांव के लोग और मजदूर परेशान हैं। ग्राम प्रधान ने डीएम से मांग करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत अधिकारी को गांव में पहुंचने के साथ ही विकास कार्यों को कराने एवं मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान कराने के निर्देश दिए जाएं। ताकि लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके।
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