जालौन

नगर के लोगों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर रेल लाइन की घोषणा की मांग उठाई

बबलू सिंह सेंगर महिया खास

जालौन(उरई) । नगर के लोगों को काफी लंबे समय से रेल लाईन की आस लगी है। हालांकि इसके लिए रेल लाईन का सर्वे भी हो चुका है। लेकिन धन आवंटन न होने से रेल लाईन का निर्माण अटका पड़ा है। इसके लिए नगर की जनता ने काफी संघर्ष किया है। लेकिन अभी तक बात नहीं बनी है। प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर नगर के समाजसेवी ने प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को पत्र लिखकर रेल लाईन की घोषणा किए जाने की मांग की है।
समाजसेवी देवी दयाल वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र में लिखा कि नगर को रेलवे लाइन से जोड़े जाने की पूरी कार्य योजना प्रस्तावित है। कोंच से फफूंद वाया जालौन (89.68 किमी) एवं महोबा से भिंड वाया जालौन (217 किमी) दोनों रेलवे लाइनों का सर्वे पूर्व में ही हो चुका है। प्रस्तावित नई रेल लाइन की सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड की ब्लू बुक 2010-11 में सम्मिलित है। उक्त रेल लाइन के लिए प्रस्तावित स्टीमेट क्रमशः 793.78 करोड़ तथा 1718.81 करोड़ रूपए का है। पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने भी इस क्षेत्र को रेलवे लाइन से जोड़े जाने का सपना देखा था। परंतु एक रेल दुर्घटना के बाद उनके इस्तीफे से यह प्रस्ताव स्थगित हो गया था। इसके अलावा ममता बनर्जी ने भी अपने कार्यकाल में इस रेलवे मार्ग के सर्वे के लिए बजट जारी किया था। परंतु कुछ कारणवश उक्त रेल लाइन के निर्माण के लिए इस वर्ष बजट जारी नहीं हो पाया। लगभग 4 वर्ष पूर्व नगर की जनता ने नगर को रेलवे लाइन की सौगात दिलाए जाने के लिए अभूतपूर्व जन आंदोलन किया था। तब तत्कालीन क्षेत्रीय सांसद भानु प्रताप वर्मा ने भी लोकसभा में नगर को रेलवे लाईन की सौगात दिए जाने की मांग उठाई थी। अब सांसद को राज्यमंत्री भी बना दिया गया है। लोगों को उम्मीद थी कि अब उन्हें रेल लाइन की सौगात मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग करते हुए कहा कि क्षेत्र की जनता की समस्या और रोजगार के अवसर को देखते हुए बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के प्रस्तावित कार्यक्रम में वह क्षेत्र की जनता को रेल लाइन की सौगात दिए जाने की घोषणा करें।

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