बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन(उरई)। बरसात के चलते बालू की खदानों को प्रशासन ने बंद कर रखा है। इसके बाद भी बालू की निकासी हो रही है तथा बालू के ओवरलोड ट्रकों का संचालन हो रहा है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे ओवरलोड बालू के ट्रकों के मुफीद साबित हो रहा है।बेधड़क ओवरलोड ट्रकों का संचालन हो रहा है।
जुलाई में बरसात का मौसम होने के कारण 1 जुलाई से बालू के खनन पर रोक लग जाती है। रोक लगने व कागजों में खदानों का संचालन बंद भी हो गया है। इसके बाद भी बालू की निकासी व ढुलाई चल रही है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे बालू माफियाओं के मुफीद साबित हो रहा है। एक्सप्रेस वे का लोकार्पण होने के बाद अभी टोल टैक्स शुरू नहीं हुआ। एक तरफ अच्छी सड़क दूसरी तरफ टोल की बचत तो तीसरी तरफ पुलिस की पकड़ से बाहर है । तीन तीन फायदे होने के कारण बालू माफियाओं की बल्ले बल्ले है। यहीं कारण है कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे से लगातार ओवरलोड बालू के ट्रकों का संचालन हो रहा है। लगातार ओवरलोड ट्रकों के हो रहे संचालन को लेकर कार्यदायी संस्था भी परेशान हैं। कार्यदायी संस्था द्वारा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे को 50 टन की क्षमता को लेकर बनाया गया है किन्तु बालू ट्रक 80-90 टन बालू लेकर चल रहे हैं। संस्था के लोग बताते हैं कि कि अगर ओवरलोडिगं पर रोक नहीं लगाई गई तो एक्सप्रेस वे को नुकसान होना स्वाभाविक है। सर्वे एवं डिजाइनर मैनेजर आकाश सिंह ने बताया प्रतिदिन एक्सप्रेस वे से हजारों वाहनों का संचालन हो रहा है। इनमें बालू के ओवरलोड ट्रक भी निकल रहे हैं जो सड़क की क्षमता से बहुत अधिक है।