अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। जिले में गेहूं की खरीद तेज करने के लिए विपणन विभाग भले जोर लगा रहा हो। लेकिन केंद्र खुले हुए 23 दिन बीत चुके है अभी तक केंद्रों पर एक छटांक गेंहू की भी खरीद नहीं हो सकी है। इस बार सरकार ने गेंहू खरीद का समर्थन मूल्य 40 रुपये बढ़ाकर 2015 रुपये किया था। एक अप्रैल से नवीन गल्ला मंडी परिसर में गेंहू खरीद के लिए 14 केंद्र खोल दिए गए। बारदाना से लेकर किसानों के बैठने की व्यवस्था, छाया की व्यवस्था व पेयजल की भी व्यवस्था सभी जगह की गई है, लेकिन किसान को आने की राह सभी क्रय केंद्रों के प्रभारी देख रहे हैं। किसानों की मानें तो पिछले वर्षों में सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य बाजार मूल्य से कहीं अधिक रहता था। जिसके चलते किसान सरकारी क्रय केंद्रों पर अपना गेंहू बेचने के लिए लाते थे। हालंाकि केंद्र पर पहुंचने पर तुलाई, छनाई आदि का नुकसान होता था। पेमेंट भी 15 दिन में मिलता था। लेकिन समर्थन मूल्य अधिक होने के चलते किसान अपना गेंहू वहीं बेचते थे। जबकि इस बार गेंहू का समर्थन मूल्य बाजार मूल्य से कम ही है। बाजार में किसानों को समर्थन मूल्य के बराबर या कभी अधिक दाम मिल जाता है। पेमेंट भी नगद मिल जाता है। ऐेस में किसान सरकारी केंद्रों पर अपना माल बेचने के लिए आकर्षित नहीं हैं। जब प्राइवेट व्यापारियों के यहां बेचने पर पूरी सुविधा और नगद रुपये मिल रहे हैं तो क्यों सरकारी क्रय केंद्रों पर जाकर तमाम उलझनों से लड़ा जाए। इस संदर्भ में विपणन अधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि वह प्रतिदिन किसानों से संपर्क कर रहे हैं कि वह अपना गेंहू, सरकारी क्रय केंद्र पर बेचें इसके बाद भी किसान केंद्र पर आने के लिए आकर्षित नहीं है। बाजार मूल्य में अंतर के चलते अभी तक खरीद शुरू नहीं हो सकी है। क्रय केंद्र पर गेंहू न आने से पल्लेदारों को भी काम नहीं मिल रहा है। वह भी समय काटने को मजबूर हैं।
फोटो परिचय- गल्ला मंडी