कालपी

सिंचाई बन्धु की बैठक में भी नहीं उठा खेत तालाब योजना का मुद्दा

कालपी (जालौन) विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में हुई सिंचाई बन्धु की बैठक में भी खेत तालाब योजना का मुद्दा नहीं उठाया गया जबकि केन्द्र तथा प्रदेश सरकार की महात्वाकांक्षी खेत तालाब योजना किसानों के हित में बहुत लाभदायक है।
बताते चलें कि बुन्देलखण्ड जैसे ऊंची नीची एवं ऊबड़ खाबड़ असिंचित भूमि पर सिंचाई के साधनों का भारी अभाव है जहां नहरें आदि न होने के साथ ही सरकारी नलकूप भी बहुत कम संख्या में है। जिसके लिए खेत तालाब योजना बहुत कारगर है जिसमें बरसात के पानी को संचय कर सिंचाई के काम में लाया जा सकता है साथ ही खेत की नमी और जल स्तर में भी इजाफा होगा।और भूमि कटाव भी रुकेगा। परन्तु उक्त योजना के जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उक्त योजना का माखौल बना दिया है कमीशन खोरी के चलते उक्त योजना का 50प्रतिशत भी कार्य नहीं कराया गया विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऐसे कई स्थानों पर इस योजना का पैसा लगाया गया है जिसमें किसानों को कोई लाभ नहीं है हां सम्बंधित अधिकारियों का जरुर फायदा हुआ है। वहीं अधिकांश किसानों के खाते में मात्र एक किस्त ही दी गई है जिसके चलते तालाब अधूरे पड़े हैं। सम्बंधित किसानों का कहना है कि अगली किश्त देने से पहले विभाग द्वारा कमीशन मांगा जा रहा है जिसे न दे पाने के चक्कर में तालाब अधूरे पड़े हैं। जबकि कई कई महिनें गुजर गए। पुनः बरसात आने वाली है पर इस ओर शासन प्रशासन की नजर नहीं पड़ी। यदि बरसात के पहले कार्य पूरा नहीं कराया गया तो जितना कार्य हुआ है वह भी बरसात के पानी में बह जाएगा। पत्र के माध्यम से माननीय मुख्य विकास अधिकारी से किसानों ने गुहार लगाई है कि खेत तालाब योजना की जांच कर अधूरे कार्यों को अति शीघ्र पूरा कराया जाय । ताकि सरकार की मन्सा पूर्ण हो और किसानों को योजना का लाभ मिल सके।

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