कोंच(जालौन)। कोरोना काल में तकरीबन दो साल बंद रहने के बाद जैसे तैसे शुरू हुई रावतपुरा-नदीगांव-कोंच-झांसी वीरांगना रोडवेज बस के स्टाफ की मनमानी से यातायात सुविधा का सही लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। खासतौर पर नदीगांव के बाशिंदों में स्टाफ की मनमानी को लेकर जबर्दस्त आक्रोश है। विनोद गुबरेले, अवनीश अग्रवाल, अंशु गुप्ता, सचिन मिश्रा, आलोक बजाज आदि ने बताया कि नदीगांव बस स्टैंड पर यात्री होने के बावजूद भी ड्राइवर बस नहीं रोकते हैं और न ही हॉर्न बजाते हैं। जब यात्रियों ने बस चालक से पूछा की हॉर्न क्यों नहीं बजाते तो उसका जबाब था हॉर्न खराब है, लगवा दो तो बजा देंगे। उनकी शिकायत है कि नदीगांव से छात्रों को पेपर देने कोंच जाना था लेकिन चालक ने जब बस नहीं रोकी तो छात्रों को अपने अपने वाहनों से भाग कर बस को पकड़ना पड़ा। इतना ही नहीं, नदीगांव से बस छूटने का समय सुबह 6 बजे का है लेकिन बस 5.45 पर ही निकल गई और यात्री दौड़ते रह गए। शादी विवाह का सीजन चल रहा और बस स्टाफ की इस तरह की मनमानी से नदीगांव क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके अलावा बस से आने वाले यात्रियों को रात्रि में रोड पर उतार दिया जाता है और वहीं से बस रावतपुरा निकल जाती है। जबकि नियमतः बस को किला मैदान थाने के पास आकर यात्रियों को छोड़ना चाहिए। बाशिंदों की आरएम रोडवेज से मांग है कि बस को स्टैंड पर रोक कर सवारी को सुरक्षित पहुंचाया जाए और रात्रि में किला मैदान होते हुए रावतपुरा वापिस जाए। अगर मनमानी न रुकी तो नागरिकों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
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