कोंच

परंपरागत रूप से की गयी दौज महारानी की पूजा

0 भाईयों ने बहिनों से तिलक कराकर रक्षा करने का दिया वचन

कोंच(जालौन)। होली पर्व के अगले दिन दौज महारानी की पूजा परंपरागत रूप से की गयी। प्राचीन काल की पुरानी मान्यता के तहत घरों की देहरी पर गोबर से दौज महारानी की आकृति बनाकर परिवार की महिलाओं ने सामूहिक रूप से मूसर से हरे पत्तों की कटईया कुचलकर दौज महारानी को गुलाल लगाकर व पुष्प चढ़ाकर पूरी खीर आदि का भोग लगाया और दौज महारानी से धन धान्य प्राप्ति की कामना की, तदुपरांत महिलाओं ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाया। दुकानों, प्रतिष्ठानों पर भी दौज महारानी की पूजा की गयी जिसके बाद ही लोगों ने अपना व्यापार शुरू किया। वहीं बहिनों ने भाई दूज पर्व के दिन भाईयों की आरती उतारकर व माथे पर तिलक कर उनका मुँह मीठा कराया और भाईयों की दीर्घायु की कामना की जबकि भाईयों ने भी बहिनों की जीवन पर्यन्त रक्षा करने का संकल्प लेते हुए बहिनों को उपहार भेंट किये।इस वर्ष शुक्रवार को होली पर्व मनाया गया था और शास्त्रों के अलग अलग मत के चलते कुछेक स्थानों पर शनिवार को भाई दूज मनाई गई लेकिन कोंच क्षेत्र में रविवार को दूज पर्व मनाया गया।
फोटो परिचय—
भाई को तिलक करती बहिन।

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