जालौन

विधायक द्वारा भूमि पूजन के बाद भी नही शुरू हुआ मंदिर निर्माण

अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास

जालौन (उरई)। लगभग एक माह पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा राधा कृष्ण मंदिर तोड़े जाने के मामले में अभी तक मामले में दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई न होने एवं सदर विधायक द्वारा भूमि पूजन के बाद भी अभी तक मंदिर निर्माण की शुरूआत न होने को लेकर गोसंपदा संरक्षण शोध संस्थान के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री समेत डीएम को पत्र लिखकर 5 मई से मंदिर स्थल पर अनिश्चित कालीन धरना एवं अनशन की घोषणा की है। गोसंपदा संरक्षण शोध संस्थान के अध्यक्ष अनिल शिवहरे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन को शिकायती पत्र भेजकर लिखा कि नगर के मुख्य बाजार के पास जिला पंचायत की जगह में लगभग 2 दशक पूर्व तक सरकारी अस्पताल संचालित हो रहा था। दो दशक पूर्व सरकारी अस्पताल देवनगर चैराहे पर स्थानांतरित हो गया था। जिला पंचायत की खाली पड़ी उक्त भूमि पर वर्तमान में पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगर क्षेत्र एवं प्राथमिक विद्यालय उर्दू माध्यम संचालित हो रहे हैं। इसी परिसर में राधा कृष्ण का सार्वजनिक मंदिर स्थापित था। बीती 29 मार्च को जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी विजय प्रकाश एवं तत्कालीन एसडीएम अंकुर कौशिक की उपस्थिति में जेसीबी मशीन द्वारा जिला पंचायत की जमीन पर बने राधा कृष्ण मंदिर को तोड़ दिया गया था। मंदिर को तोड़े जाने लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। विभिन्न हिंदू संगठनों और भाजपा नेताओं के विरोध और देवनगर चैराहे पर जाम के बाद एडीएम पूनम निगम और एएसपी असीम चैधरी नगर में पहुंचे थे। कई घंटों की बातचीत के बाद उक्त परिसर में पुनः मंदिर बनाए जाने की सहमति बनी। जिसके बाद 30 मार्च को जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी की उपस्थिति में सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा व द्वारा मंदिर का भूमि पूजन संपन्न हुआ। उस समय सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा ने आश्वासन दिया कहा कि राधाकृष्ण मंदिर को प्रशासन द्वारा तोड़ा जाना गलत है। मंदिर तोड़कर लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई। इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही भव्य मंदिर निर्माण भी कराया जाएगा। इसके एक माह बाद न तो अभी तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और न ही मंदिर का निर्माण शुरू हो सका है। जिससे साधु संत और धार्मिकजनों में आक्रोश है। उन्होंने मांग की है कि कोतवाली में पुलिस के कब्जे में एक माह से मौजूद मूर्तियों का शुद्धिकरण योग्य ब्राह्मणों से कराकर विग्रह की पूजा अर्चना की तत्काल व्यवस्था की जाए। मंदिर तोड़ने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही वैदिक विधि विधान से मंदिर का निर्माण शुरू कराया जाए। अन्यथा की स्थिति में उन्होंने 5 मई से मंदिर स्थल पर अनिश्चित कालीन धरना एवं अनशन की घोषणा की है।

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