0 जिंसों की खरीद फरोख्त न होने से हो रहा राजस्व का नुकसान
अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। गल्ला मंडी में पल्लेदारी बढ़ाने को लेकर पल्लेदारों और व्यापारियों के बीच अभी तक कोई हल नहीं निकला है। जिसके चलते गल्ला मंडी दूसरे दिन भी बंद रही। गल्ला मंडी बंद रहने से जहां किसानों की फसल की खरीद फरोख्त नहीं हो रही है तो राजस्व शुल्क के रूप में मंडी शुल्क का भी नुकसान हो रहा है।
गल्ला मंडी में कार्यरत पल्लेदार, पल्लेदारी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। जब व्यापारियों ने पल्लेदारी बढ़ाने के प्रस्ताव को नहीं स्वीकारा तो पल्लेदारों ने मंगलवार से हड़ताल की घोषणा कर दी थी। मंगलवार को मंडी तो खुली लेकिन दुकानों पर किसानों की फसल की खरीद फरोख्त नहीं की गई। व्यापारियों ने पल्लेदारों से वार्ता करने का प्रयास भी किया लेकिन बात नहीं बनी। जिसके चलते गल्ला व्यापार कल्याण समिति के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने गल्ला मंडी अनिश्चित काल के लिए बंद होने की घोषणा कर दी। बुधवार को व्यापारियों ने गल्ला मंडी में दुकानों को नहीं खोला। गल्ला मंडी बंद होने से किसान परेशान हैं कि उनकी फसल की खरीद फरोख्त नहीं हो रही है। बंदी को लेकर गल्ला व्यापार कल्याण समिति के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि पल्लेदारों की मांग नाजायज है। जालौन गल्ला मंडी में वर्तमान में जिले में सबसे अधिक पल्लेदारी दी जा रही है। इसके बावजूद पल्लेदार हड़ताल किए हैं। जब तक पल्लेदार नहीं होंगे तब तक गल्ला मंडी बंद रहेगी। वहीं, पल्लेदार यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर ने बताया कि प्रत्येक तीन साल मंे पल्लेदारों की मजदूरी बढ़ाई जाती है। पिछले वर्ष 2018 में पल्लेदारी बढ़ाई गई थी। अब चैथी साल हो रही है। फिर भी उनकी मजदूरी नहीं बढ़ाई जा रही है। जब तक उनकी मजदूरी नहीं बढ़ाई जाएगी तब तक वह हड़ताल पर रहेंगे।