*उरई(जालौन)।जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने कृषि विभाग में संचालित योजनाओं व जिला भूमि एवं जल संरक्षण समिति की प्रगति पर कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा कर सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। फसलवार आच्छादन, उर्वरक वितरण, फसली ऋण, और प्रधानमंत्री किसान योजनाओं की प्रगति समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने जनपद में उर्वरक की कालाबाजारी और ओवरटिंग को रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों को नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने फसली ऋण में मात्र 48 प्रतिशत की प्रगति होने पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में बीमा कंपनियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पी०एम०कुसुम) योजना की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई। जिलाधिकारी ने उप कृषि निदेशक से स्पष्टीकरण मांगा और योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए ग्राम पंचायतों में गोष्ठी आयोजित करने का निर्देश दिया। बुन्देलखण्ड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 22 सौ 50 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिला भूमि एवं जल संरक्षण समिति की बैठक में
पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के तहत बीहड़/बंजर भूमि का सुधार एवं मनरेगा से जल भराव क्षेत्र का उपचार वृक्षारोपण अधिकार आदि सम्पादित किए जाते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि दो माह से कार्य नहीं किया गया, कार्यों के प्रति रुचि न लेने वाले समस्त भूमि संरक्षण अधिकारियों का स्पष्टीकरण मंगा, साथ ही इस कार्य मे प्रगति लेन के निर्देश दिए। भूमि संरक्षण इकाई राष्ट्रीय जलागम प्रथम द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना बीहड़ एवं बंजर सुधार के तहत 457.32 हेक्टेयर भौतिक लक्ष्य के सापेक्ष, सिर्फ 152.08 हेक्टेयर की पूर्ति की गई। इसी प्रकार भूमि संरक्षण इकाई राष्ट्रीय जलागम द्वितीय जालौन द्वारा 356.9 हेक्टेयर भौतिक लक्ष्य के सापेक्ष 193. हेक्टेयर की पूर्ति की गई। भूमि संरक्षण इकाई डी0पी0ए0पी0 उरई द्वारा 445.50 हेक्टेयर भौतिक लक्ष्य के सापेक्ष सिर्फ 180 हेक्टेयर पूर्ति की गई है। भूमि संरक्षण अधिकारी राष्ट्रीय जलागम उरई द्वारा 300 हेक्टेयर भौतिक लक्ष्य के सापेक्ष सिर्फ 125.29 हेक्टेयर की पूर्ति की गई है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत कराए गए कार्य एसडीएम व टेक्निकल अधिकारी से सत्यापन कराया जाए। वित्तीय वर्ष में खोदे गए तालाबों की प्रगति संतोषजनक न होने पर समस्त भूमि संरक्षण अधिकारियों का स्पष्टीकरण के निर्देश दिए साथ ही निर्देशित किया कि वित्तीय वर्ष तालाब का लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति में सुधार लाएं। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के तहत कराई जा रहे कार्यों का बोर्ड भी आवश्यक लगाएं, जिससे डुप्लीकेसी ना हो सके।
इस अवसर पर उप कृषि निदेशक इसके उत्तम, जिला कृषि अधिकारी गौरव यादव, भूमि संरक्षण अधिकारी मधुवेश पाठक, अभिषेक चंद्रा आदि सहित सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।